सैनिक देश की शान है
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सैनिक देश की आन -बान,
और सैनिक देश की शान है।
राष्ट्र- सीमाओं की करता निगरानी,
देता राष्ट्र को सुरक्षा दान है।
सैनिक देश की शान है।
शीत, ताप वर्षा सहकर के,
हिमगिरी -गह्वर, उतुंग पर्वत- शिखर,
ठंड में रक्त जमा देने वाली फिजा में रहकर,
या फिर गर्मी की भयंकर ताप सहकर,
अनवरत् सीमाओं पर तैनात है।
सैनिक देश की शान है।
अपने घर, परिवार, पत्नी,
या बच्चों का मोह त्याग कर,
अपने जान की परवाह न करते हुए,
बूढ़े माता-पिता के तीर्थाटन,
या अपनी नवलवधू की,
प्रकृति के फिजाओं का लुक उठाने की,
कोमल भावनाओं की परवाह किए बिना,
रात- दिन, सुबह -शाम,
प्राकृतिक कष्ट या फिर दुश्मनों के,
गोलियों की परवाह किए बिना,
राष्ट्र का बढ़ाता मान है।
सैनिक देश की शान है।
सैनिक देश की शान है।
-- : रचनाकार : --
मुकेश कुमार दुबे "दुर्लभ"
( शिक्षक सह साहित्यकार)
सिवान, बिहार
( अप्रकाशित, मौलिक और स्वरचित रचना)