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    तुझे अनदेखा करता रहा तेरी मस्तियाँ समझकर

    तुझे अनदेखा करता रहा तेरी मस्तियाँ समझकर

    इस मसअले का कसूरवार मैं ही हूँ तेरा दोष नहीं

    तेरा सब सामान बिंदी,चूड़ी, कजरा, लहँगे, वहँगे

    गँगा में बहा दूँगा सब ही तेरी अस्थियाँ समझकर

    © सचिन गोयल
    गन्नौर शहर,सोनीपत

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