राष्ट्रकवि दिनकर
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महाकवि राष्ट्रकवि दिनकर,
साहित्याकाश के दिनकर थे।
रामधारी सिंह 'दिनकर' नाम था,
राष्ट्र के वे गौरव थे।
बिहार के सपूत थे वे,
कई भाषा में प्रवीण थे।
साहित्य में कई ग्रंथ लिख,
हो गए वे विख्यात थे।
राज्यसभा के सदस्य बनकर,
बढ़ाए राज्य के गौरव थे।
युगों बाद धरा पर कोई,
होता है दिनकर सा कवि।
जिसका काव्याप्रकाश देख,
स्वयं लजाता है रवि।
धन्य बिहार की भूमि है,
जहां जन्मता दिनकर सा रत्न।
सदेह न रहकर जहां में,
अपनी कृतियों में वे है अमर।
-- : रचनाकार : --
मुकेश कुमार दुबे "दुर्लभ"
( शिक्षक सह साहित्यकार)
सिवान, बिहार