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    जीव की मनोदशा


    टिन्निक टिन्निक जै गंगा
    अरे मोरे भैया ,सुन मोरे भैया 
    मनई होइगा बहुरंगा 
    टिन्निक टिन्निक जै गंगा

    मनई जैसेन खरपतवार
    सब सबकै जर रहे उखार
    छीना - झपटी कै भरमार भागम-भाग मचाये चहुँ दिशि 
    केहू अहय न भल चंगा ।
    टिन्निक टिन्निक जै गंगा

    अर्थ हीन होइगा किरदार
    पढ़ा -लिखा घूमैं बेकार
    अंउठा टेक करैं व्यापार
    चोर लफंगै मजा करि रहे 
    रोज मचावैं हुड़दंगा।।
    टिन्निक टिन्निक जै गंगा

    ई देखौ कलजुग के खारी
    महंगा कपड़ा बदन उघारी
    फैशन कै चल रही बयारी
    लाज शर्म सब बेचि खाइ के 
    भाई-बहन घूमैं नंगा ।।
    टिन्निक टिन्निक जै गंगा

    मनई सब कुछ लेइ चबाय
    जीव जंतु कै कौन सहाय
    गोरुवन कै गयें चारा खाय 
    जिंदा गोश खाइ कै खातिर 
    लेत रहैं सबसे पंगा ।।
    टिन्निक टिन्निक जै गंगा

    इन नेतवन कै इक्कै राग
    संसद मा सब खेलैं फाग
    मतलब जौ साधैं बैराग
    टोह मिलै न पांच साल तक 
    फिर भटकैं जेस भिखमंगा।।
    टिन्निक टिन्निक जै गंगा

    परधानै तौ करैं कमाल
    गउना म जौ मचै बवाल
    इक दल संगें काटैं माल
    मोटरसइकिल दौड़ लगावैं 
    चाल चलैं कुछ बेढ़ंगा।।
    टिन्निक टिन्निक जै गंगा

    सरकारी दफ्तर के हाल
    अधिकारी खीचत हैं खाल
    नेतवै मिल फेंकत हैं जाल
    हाकिम मुलाजिम दुइनौ मिलिके 
    स्वांग रचावैं बेरंगा ।।
    टिन्निक टिन्निक जै गंगा

    चम्सुर बिकै जेस चोट पिराय
    भाव बढ़ै जेस गरज़ लखाय  
    भेष फबै जेस देश देखाय                                       
    उल्टा सीधा काम करत हैं 
    गिरत पड़त चहुं अड़बंगा ।।
    टिन्निक टिन्निक जै गंगा

    जेस दुलहा तेस सजै बरात 
    ढूंढ़ि ढूंढ़ि मेहरै थकि जात 
    पर इनकै जोड़ी न फरियात
    भइया बैठि रहैं घर माहीं 
    भौजी चली गईं दरभंगा ।।
    टिन्निक टिन्निक जै गंगा

    सब कुछ होइगा बंटाधार
    चाटुकार कै लगी कतार
    मंत्री बनिगा पाकेटमार
    शेरू बनिगा कूकुर बिल्ली 
    भूलि गवा है हथकंडा।। 
    टिन्निक टिन्निक जै गंगा

    समझाई मत कीजौ पाप
    प्रभु जी हरिहैं सब संताप 
    झोरी भरिहैं अपनै - आप
    मिलैं कठौती गंगा मैइया 
    होइ जाई जौ मन चंगा ।।
    टिन्निक-टिन्निक जै गंगा  

    अरे मोरे भैया सुन मोरे भैया 
    मनई होइगा बहुरंगा।।

    रचयिता
    अवधी कवि
    राजू पाण्डेय बहेलियापुर

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