जौ चुनाव मूडे पै आये,
गल्लू गल्लू खोब बतलइहैं।
सबदिन कै पुरान भिखमंगै,
कुर्ता नवा नवा लहकइहैं।
पकडिके आफिस जाइ बैठिहैं,
हुंवईं बइठ पंवारा गइहैं।
जेकरे कहे वोट नहिं एक्कौ,
वहीं बैठिके बूथ जितइहैं।
जे पंचिव ना जीत सकैं वै,
जितवावय कै ठेका पइहैं।
जल्दी मिलै पेट्रोल कै पर्चा,
औ दिन भै घूमय कै खर्चा।
खर्चा पानी टन्न वै कइके,
दिनभै खाली रोब देखइहैं।
सब बडकन नेतन के साथे,
लेइहैं सेल्फी पोज बनाके।
ऊ फोटू सबका देखाय के,
आपन पूरा भौकाल बनइहैं।
सौ पचास रुपयौ के खातिर,
कहू होय सबसे लडि जइहैं।
जे चुनाव भै फार्च्यूनर पै,
बाद मा टैम्पो पै लटका देखइहैं।
सब जने आपन भविष्य बनावा,
नेता केहू काम ना अइहैं।
स्वरचित
*राजू पाण्डेय बहेलियापुर*
किसी को बुरा लगे तो क्षमाप्रार्थी हूँ। 🙏