,भजन
*मनुआ भज ले सीताराम*
पिंजरा खाली पड़ा रहेगा, हंसा उड़ जाए प्रभु के धाम।
*मनुआ भज ले सीताराम.....2*
हाड़ मांस की काया तेरी ता पर वृथा गुमान।
द्वय सांसन पर चलै जिंदगी ताख पै धरै ईमान॥
अंत चिता में राख होयगो,
तेरो नौनो (चिकनो) चाम॥
*मनुआ भज ले सीताराम.....2*
कौडी़-कौड़ी माया जोड़ी नहिं कछु संग में जाने।
सत कर्मन से बना के दूरी तू करै कर्म मनमाने॥
तजी राह सत परम ब्रह्म की,
तेरे साथी लिप्सा काम॥
*मनुआ भज ले सीताराम.....2*
चेत समय अबहूं भज प्रभु कों, जो चाहै कल्याण।
अंत समय सम्मुख नारायण, जब छूटैं तन से प्राण॥
प्रखर सच्चिदानंद सहारा,
प्रभु काल न होवै बाम॥
*मनुआ भज ले सीताराम.....2*
*प्रखर दीक्षित*
फर्रुखाबाद