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    स्वर्गीय दोस्त की याद में

    स्वर्गीय दोस्त की याद में
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    किससे दिल की बात करें हम किससे दिल बहलाएं 
    किसको गले लगाएं अब हम किससे प्यार जताएं।

    छोड़ गया तू जबसे हमको मन ही मन खिसियाते है
    गीत खुशी के भूल गए अब दर्द के नगमे गाते हैं।

    जो बात नहीं कह पाए किसीसे तुझसे हम कह लेते थे
    रंजो गम को मिलकर दोनो हंस हंस कर सह लेते थे।

    किससे रूठे किसे मनाएं किससे गप्प लड़ाएं हम
    चैनोअमन सब खोया हुआ है अब किससे बतराएं हम।

    राजदार था मेरा प्यार था यार बड़ा दिलदार था तू
    खुशबू ही खुशबू थी तुझमें गुल,गुलशन,गुलजार था तू।

    जब जब तेरी याद आती है आंखें नम हो जाती हैं
    ख्वाबों में ही आकर मिल जा तबियत अब घबराती है।

    अगर नहीं आ सकता है तो पास बुलाले मुझको
    खतम अधूरापन नहीं होता मैं कैसे भुलाऊं तुझको।

    ,,,,, गोपी साजन

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