हम हैं यूपी के बेरोजगार।
सारी डिग्री पूरी कर ली,
फिर भी बैठे हैं बेकार,
हम हैं यूपी के बेरोजगार।
हर बैकेंसी फार्म भरते,
दिन रात तैयारी करते,
फिर कोर्ट कचहरी के शिकार,
हम हैं यूपी के बेरोजगार।
नियत समय पर हुई परीक्षा,
पेपर बढिया, प्रभु की इच्छा,
पता लगा हुआ आउट पर्चा,
व्यर्थ गया सब मेहनत, खर्चा,
और अधिक मेहनत इसबार,
हम हैं यूपी के बेरोजगार।
फेल हुआ तो एक दिन रोया,
पास हुआ जीवन भर रोया,
हर बैकेंसी कोर्ट में अटकी,
तारिख तारिख, बुद्धि भटकी,
गहरे तक है भ्रष्टाचार,
हम हैं यूपी के बेरोजगार।
उस पर भी जनरल अभ्यर्थी,
जीते जी सज गयी है अर्थी,
सबसे ज्यादा नंबर लाते,
फिर भी हम पीछे रह जाते,
अब किससे लगाऐं गुहार,
हम हैं यूपी के बेरोजगार।
छूट गए सब रिश्ते नाते,
मित्रों से भी कम बतियाते,
हटे जल्द बेरोजगार का ठप्पा,
कृपा करो हे गणपति बप्पा,
मुश्किल हुई मँहगाई की मार,
हम हैं यूपी के बेरोजगार।
आज फिर मिली अगली डेट,
कब तक घूमें खाली पेट।
न्याय मिले जब इतना लेट,
ऐसा न्याय भी है बेकार।
हम हैं यूपी के बेरोजगार।
हम हैं यूपी के बेरोजगार।।
रचयिता
*राजू पाण्डेय बहेलियापुर*.