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    मेरा दिल बहुत नाजुक है

    मेरा दिल बहुत नाजुक है
    पत्तों सा बिखर जाता है

    जब कोई हद पार होती
    शीशा ए दिल टूट जाता है

    मजाक किया करो भरसक तुम
    हम मना कभी नही करते हैं 

    पर कभी कभी किसी बात या
    अनहोनी से हम डरते हैं

    गुदगुदी भी उतनी की जाती है
    जितने में कोई हंसे केवल

    जब ज्यादा अति हो जाए किसी की
    आंसू आखिर आते हैं निकल


    -Varun Tiwari

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