*गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं*
(गुरु पूर्णिमा पर मेरी एक विशेष रचना)
गुरु ही शिक्षा संस्कार देके,भविष्य सुन्दर बनाएं।
गुरु पूर्णिमा पर,गुरु चरणों में यह शीश झुकाएं।।
जिसकी कक्षा में स्वयं पढे, आकर के नारायण।
गुरु का अच्छा भाग्य है,गीता देखें या रामायण।।
संदीपन ऋषि से पढ़े हैं,द्वापर में अवतारी कृष्ण।
16 हजार गोपियों वाले,नटखट बनवारी कृष्ण।।
गुरु वशिष्ठ व विश्वामित्र से,पढ़े हैं अवतारी राम।
चारो भाई संग गुरुकुल जा, त्रेता में ये श्रीराम।।
ये दोनों ही धरती पर जन्में,विष्णु के हैं अवतार।
मानव तन धर कर आए,लीला किए अपरंपार।।
जब-जब घड़ा भरा पाप से,बढ़ा धरती का भार।
तब प्रभु अवतार लिए,कष्टों का किए हैं उद्धार।।
कृष्ण ने कंस को मारा,श्री राम ने रावण है मारा।
मानव तनधारी बने हैं, शिक्षा-दीक्षा लिए सारा।।
ऋषियों से ज्ञान प्राप्त कर, गुरु का मान बढ़ाया।
जीवन में शिक्षा बड़ी जरुरी,यह सन्देश पढ़ाया।।
सौभाग्य बढ़ा गुरुकुल का,नर ही थे ये नारायण।
गुरु की कक्षा में स्वयं पढ़े,धरा पे आ नारायण।।
गुरु के ही ज्ञान ज्योति से, जीवन ये आलोकित।
गुरु के ही परम ज्ञान से, भविष्य ये आलोकित।।
बिना गुरु नहीं संभव है, भवसागर से होना पार।
मार्ग दिखादे सतगुरु तो,जीवन बेड़ा होता पार।।
मात-पितु,गुरु के ऋण से,कभी मिले नहिं मुक्ति।
चाहे जितना अमीर हो कोई,करे कोई वो युक्ति।।
कोई नहीं संसार में ऐसा,गुरु बिन आगे बढ़ पाए।
पाए जीवन में सब कुछ,गुरु के शरण जो जाए।।
गुरु के दिखाए मार्ग पे चल,कर ही तरक्की पाए।
आजीवन याद रहे वह,गुरुवर जो पढ़ाए,बताए।।
गुरु गोविंद(प्रभु) दोऊ खड़े,किसको पड़ूँ मैं पाँव।
बलिहारी गुरु आपनो,गोविंद(ईश्वर)दियो बताय।।
सबको गुरु पूर्णिमा की, ढेरों मेरी हार्दिक बधाई।
शीश नवा कर गुरुवर, दूँ मैं शुभकामनाएं भाई।।
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रचयिता :
*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़,उ.प्र.
(शिक्षक,कवि,लेखक,लघुकथाकार,समीक्षक व समाजसेवी)
इंटरनेशनल ज्वाइंट ट्रेजरर, 2023-2024, ए. सी.आई.
एलायंस क्लब्स इंटरनेशनल,कोलकाता,प.बंगाल,भारत
वरिष्ठ समाजसेवी-प्रांतीय,राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय सेवा संगठन