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    वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे

    वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे , इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे , कल क्या होगा कभी ना सोचे , क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर ही बदल दे ।

    दोस्तों नमस्कार , दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे , इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे , कल क्या होगा कभी ना सोचे , क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर ही बदल दे । पर हमारे द्वारा लिखित यह लेख दोस्तों आप इसे जरूर पढ़ें और जाने की इंसान कैसे वक्त से लड़कर अपनी तकदीर बदलता हैं ?  

    तो चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस लेख को । 

    इस दुनिया में बहुत सारे लोग हैं ,जो जीतने की चाह तो रखते हैं या कहूँ कि सफल होना तो चाहते हैं । लेकिन सफल होने के लिए कड़ी मेहनत नहीं करना चाहते है। और अपने नशीब के आगे हाथ फैलाये बैठे रहते है और सोचते हैं कि हमारा नसीय सो हमें कामयाब जरूर करेगा |

     जीवन में मेहनत करना बहुत जरूरी होता है । हम जनते है , कि मेहनत ही सफलता की कुंजी है , अगर हम मेहनत नहीं करेंगे और अपने नशीब के आगे हाथ फैलाये बैठे रहेंगे है । तो एक दिन हमारा आस्तित्व खत्म हो जाएगा । लोग हमसे बात करना नहीं चाहेंगे , इसलिए अपने जीवन में सफलता पाने के लिए मेहनत बहुत जरूरी होता है। मेहनती व्यक्ति हमेंशा सफलता की ओर अग्रसर रहता है।  

    ◇ नसीब : - 

    नसीब एक अरबी शब्द है जिसका इस्तेमाल इंडोनेशियाई , मलय , फारसी , तुर्की , पश्तो , सिंधी , सोमाली , उर्दू , हिंदी , गुजराती , बंगाली और पंजाबी सहित कई भाषाओं में किया जाता है । वह घटना और विश्वास है जो असंभव घटनाओं के अनुभव को परिभाषित करता है, विशेष रूप से अनुचित रूप से सकारात्मक या नकारात्मक। 

    ◇ नसीब को कई अलग-अलग तरीकों से समझा जा सकता है। 

     नसीब से तात्पर्य उस व्यक्ति से है जो उस व्यक्ति के नियंत्रण से परे होता है। इस दृष्टिकोण में ऐसी घटनाएं शामिल हैं जो संयोग से घटित होती हैं। संवैधानिक नसीब ऐसे कारकों के साथ जिन्हें बदला नहीं जा सकता।  

    उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति का जन्म स्थान, लेकिन जहां कोई अनिश्चितता शामिल नहीं है, या जहां अनिश्चितता अप्रासंगिक है।  

    ◇ तकदीर : - 

    यह विश्वास कि जो कुछ हुआ , हो रहा है और इच्छा और भगवान के आदेश के अनुसार होता है, तकदीर कहलाता है । यह अक्सर सौभाग्य प्रदान करने वाला माना जाता है।

    तकदीर का मतलब महान नसीब , भाग्य , किस्मत होता है ।

    ◇ नसीब के आगे हार न मानने वाले, नसीब से नहीं अपनी मेहनत से इतिहास रचने वालो के बारे में कुछ उदाहरण : - 
     
    ऐसे महापुरुषों की संख्या बहुत अधिक है , जो अपने जीवन में किसी न किसी मोड़ पर असफल हुए हैं , लेकिन नसीब से नहीं अपनी मेहनत से अलग - अलग क्षेत्रों में बड़ी सफलता हासिल की । इन सभी लोगों में एक बात समान थी, कि उन्होंने अपनी पिछली विफलताओं से सीखने की कोशिश की और आगे बढ़े । मेहनत के बल पर बहुत से लोगो ने अपने देश को उन्नति और विकास के शिखर पर पहुँचा दिया है ।

    ( 1 ) हिंदी की विख्यात कवयित्री महादेवी वर्मा अपनी शादीशुदा जीवन में असफल रही, लेकिन उन्होंने नसीब के आगे अपने गुटने नहीं टेक, और अपनी इस हार को नए अवसर में बदलने के लिए अपने आप को पूरी तरह से साहित्य साधना को समर्पित कर दिया ।

    हम जानते है, कि असफलता ही इंसान को सफलता का मार्ग दिखाती है । किसी महापुरुष ने बात कही है कि , " जीतने वाले कभी हार नहीं मानते और हार मानने वाले कभी जीत नहीं सकते । "

    लेकिन अगर आप इस वजह से प्रयास करना छोड़ दें तो कभी सफल नहीं हो सकते । और अपने नशीब के आगे हाथ फैलाये बैठे रहेंगे है । तो सच में सफल नहीं हो सकता कभी भी । 


    ( 2 ) डॉ . भीम राव अंबेडकर " को कौन नहीं जनता है , जिन्हे भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता है । भीम राव अंबेडकर अगर ये भी नसीब के आगे पाव पासारे रहते तो क्या आज इन्हें दुनिया जान पाती । इन्होंने भारत देश में अपनी अहम भूमिका निभाई है . और देश के सविधान में सभी को बराबरी का अधिकार दिलाया है । 

    इनके इस महान योगदान के लिए भारत देशवासी इनका ऋणी है ।  

    ( 3 ) ए . पी . जे कलाम को कौन नहीं जनता है , भारत में । जिन्हें मिशाइल मेन " कहा जाता है । अगर ये भी नसीब के आगे पाव पासारे रहते तो क्या आज इन्हें दुनिया जान पाती । ये अगर नसीबों के आगे बैठे रहते तो क्या आज मिसाल मिल पाता। कलाम के नाम को आज भी बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है । कलाम का भारत देश में महत्वपूर्ण योगदान रहा है ।  

    स्वतंत्रता की बात करे तो : - 

     स्वतंत्रता सेनानी , वह व्यक्ति होता है जो किसी स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष करता है । अंग्रेजों के विरुद्ध भारतिय क्रान्तिकारियों को एकजुट होकर स्वतंत्रता दलाई । जिन्हें हम आज भी और उनके द्वारा किये गये अविस्मरणीय कार्यों के लिये याद करते है ।

    ( 4 ) महात्मा गांधी : - अहिंसा की बात कर तो सबसे पहले महात्मा गांधी एक नाम आता अहिंसा के रास्ते पर चलकर अंग्रेजों को झुकने पर मजबूर करने वालों में महात्मा गांधी का नाम सबसे पहले आता है । उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन करके और संघर्षों से भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । 

    अगर ये भी नसीब के आगे पाव पासारे रहते तो आज भारत देश आजाद नहीं हो पाता। महात्मा गांधी का भारत देश आजाद कराने मे महत्वपूर्ण योगदान रहा है ।  

    ( 5 ) अल्बेर्ट आइनस्टाइन जो 4 साल की उम्र तक कुछ बोल नहीं पता था और 7 साल की उम्र तक निरक्षर था । लोग उसको दिमागी रूप से कमजोर मानते थे लेकिन अपने संघर्ष के बल पर वो दुनिया का सबसे बड़ा साइंटिस्ट बना । अगर ये भी नसीब के आगे पाव पासारे रहते तो आज दुनिया को साइंटिस्ट नहीं मिल पाता।

    ◇ एक लाइन नसीब से लडने वालो के नाम : - 

     ● रख हौसला वो मंजर भी आयेगा , 
    प्यासे के पास चल के समन्दर भी आयेगा ,
     थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर ,
     मंजिल भी मिलेगी ... और मिलने का मज़ा भी आयेगा ।

    ● संघर्ष के मार्ग पर जो वीर चलता हैं , 
    वो ही इस संसार को बदलता हैं जिसने अन्धकार ,
     मुसीबत और ख़ुद से जंग जीती ,
     सूर्य बनकर वही निकलता हैं । 

    ◇ असफलता से हार नही मानना चाहिए : - 

    जैसा की हम सब जानते ही है, कि प्रत्येक असफलता में एक अवसर छुपा होता है। 
    असफलता सफलता की दिशा में उठाया गया पहला कदम होता है | इंसान अपने नसीब , किस्मत से लड़कर सफलता हासिल कर सकता है । और अपनी तकदीर बदल सकता है । प्रत्येक असफलता के साथ एक ऐसी शक्ति उत्पन्न होती है जो हमें सफलता की ओर अधिक तेजी से धकेलने लगती है । इसलिए असफलता को एक अवसर की तरह लें और दोगुनी ऊर्जा से फिर से प्रयास करना चाहिए। मेहनत ही सफलता की ओर जाने वाली सड़क होती है । 

    ◇ वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे , इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे , कल क्या होगा कभी ना सोचे , क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर ही बदल दे ।

    इसान चाहे तो क्या कुछ हासिल नहीं कर सकता है लेकिन कुछ इंसान अपने नसीब के सहारे होते हैं । यह लेख हमें यह सीख दे रही है की इंसान के अंदर अगर आत्मविश्वास हो तो वो दुनिया की अपने कोई भी जंग जीत सकता है । याद है न कि असफलता हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है । 

    वह इंसान अपने नसीब , किस्मत से लड़कर सफलता हासिल कर सकता है । और अपनी तकदीर बदल सकता है । आत्मविश्वास सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक होती है ।

    उसे कल क्या होगा इसे सोचना नही चाहिए उड़ान तेजी से उड़नी चाहिए । kabhi - kabhi इंसान अपनी मंजिल भूल जाते है । इंसान को अपनी मंजिल दोहराते रहना चाहिए , जिससे हमेशा प्रेरणा मिलती है । इस प्रकार से ही इंसान अपनी तकदीर बदलने में सफलता हासिल करते हैं।

    आज दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है , अगर हम इसके साथ नहीं चलेंगे तो निश्चित ही पीछे हो जायेंगे । सही समय पर सही काम करने से ही सफलता मिलती हैं । आत्मविश्वासी लोग ही अपनी नसीब से लड़ते है । और अपनी नसीब के आगे झुकते नही,और निरंतर प्रयास से ही सफलता से हासिल करते है ।
    -पिंकी देवांगन

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