शनि वंदना ( भजन)
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जय शनि देवा
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देवा हो देवा जय शनि देवा, तेरी महिमा अपार है।
राजा को रंक कर दें,रंक को राजा, जाने सब संसार है।।
सूरज के लाल हो तुम,छाया के हो नंदन।
काला रंग है,काला वसन है,काला लगाए चन्दन।।
काकपीठ करे भ्रमण तुम, डाले जब कुटिल दृष्टि।
साढ़ेसाती और अढ़ैया करे विपदा की वृष्टि।।
प्रसन्न हो जाते जिस पर देव तुम,धन,जन, संपदा सब देते।
न्याय करते हो सबका उचित तुम,सब पीड़ा हर लेते।।
तेरी माया से जग सब मोहित, होता संसार चलायमान।
देवा हो देवा जय शनि देवा,
तेरी महिमा है महान।।
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सूर्यपुत्र शनि देव सब पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें। सभी सुखी और निरोगी रहें।
🙏🏻🙏🏻जय शनि देव🙏🏻🙏🏻
मुकेश कुमार दुबे "दुर्लभ"
( शिक्षक सह साहित्यकार)
सिवान, बिहार