*सेवक बन काम करेगा वो ही राज करेगा*
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जन्मसिद्ध अधिकार समझते ये देश में शासन करना
पर निर्णय नही ले पाते हैं ये क्या है इनको करना।
राष्ट्र विरोधी बोल ये बोलते राष्ट्र का करते हैं अपमान
क्या इसी तरह ये अपने देश में पायेंगे सम्मान।
राजकुमार खुद को ये समझते दिन अब लद गए इनके
विदेश में जाकर करें बुराई क्या यही हैं लच्छन इनके।
अहंकार भारी है इनको मिलकर नहीं करते हैं काम
देश की ज्वलंत समस्याओं का ये नहीं निकालते समाधान।
खीज इन्हें है इसी बात की अब शासन नहीं है इनका
छूट गई पतवार हाथ से अब गया जमाना इनका।
सेवक बन जो काम करेगा यहां वो ही राज करेगा
मालिक बन कर काम किसी का अब यहां नहीं चलेगा,,,,,,
गोपी साजन