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    पितृ दिवस*

    *पितृ दिवस*
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    माता की गाथा सब गाते
    कोई ना करे पिता का गान
    पूरी ज़रूरत पिता ही करता
    वोही रखता सबका ध्यान।

    माना जनम दिया माता ने
    लेकिन पिता ने दी पहचान
    पढ़ा,लिखा कर वोही बनाता
    हमको एक अच्छा इंसान।

    भले जेब खाली हो उसकी
    फिर भी मना नहीं करता
    कहीं न कहीं से इंतजाम कर
    इच्छा को पूरी करता।

    दर्द, बुखार,ताप हो कितना
    हंस कर सब कुछ सहता है
    अपनी सुख,सुविधा को टालता
    कुछ नहीं चाहिए कहता है।

    कोई नहीं चाहता दुनियां में
    उससे आगे कोई निकले
    सिर्फ पिता ही चाहता है
    बेटा उससे आगे निकले।,,, गोपी साजन",अनपढ़"

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