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    *मतलब*

    *मतलब*

    मतलब के हम तुम हैं यारो मतलब की दुनियां सारी
    मतलब से हम साथ साथ हैं मतलब की दुनियांदारी।

    फूल खिले हैं कागद के अब नहीं महकती है क्यारी
    अगर फायदा नहीं किसीको तो फिर कैसी है यारी।

    सारी बुराई मिट जाती है अगर मिलें हम मतलब से
    मतलब यदि नहीं निकले तो सारी लज्जत है खारी।

    मतलब के मेले में खेलें खेल सभी हम मतलब के
    बे मतलब बस एक खुदा है कायनात जिसकी सारी।,,,, गोपी साजन

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