मैं और मेरा भारत मेरा भारत ही मेरा अभिमान है। अगर मैं इस संबंध में अपने विचार आप महोदय के समक्ष इस प्रकार प्रस्तुत करूं कि मैं अपने भारतवर्ष को किस प्रकार देखना चाहती हूं तो मैं कहना चाहूंगी कि
मेरी प्रिय भारत देश को देखकर प्रत्येक देश नतमस्तक होगा । जहां तक की हिंदी भाषा का प्रश्न है वह संपूर्ण विश्व की भाषा बनेगी । यहां की व्यंजन संपूर्ण संसार में पसंद किए जाएंगे। यहां के फल अनाज की पैदावार इतनी अधिक हो जाएगी कि भारत उसका सबसे बड़ा निर्यातक बनेगा। भुखमरी जैसे शब्द को हमारे देश से समाप्त हो जाएंगे। यहां जनसंख्या वृद्धि नामक समस्या से भी छुटकारा मिलेगा। जनसंख्या नियंत्रण होगा भारत विश्व गुरु बन जाएगा। जंगल नदियां पहाड़ सभी साफ-सुथरे हो जाएंगे जंगल में जानवर निर्भय होकर विचरण करेंगे। नदियों में कूड़ा कचरा नहीं होगा। प्रत्येक व्यक्ति के पास एक मकान होगा सभी व्यक्ति शिक्षित होंगे ।पढ़ाई का सर्वाधिक महत्व होगा अंग्रेजी भाषा के हम सभी दास नहीं रहेंगे । अपने विचारों को अपनी भाषा को व्यक्त करने की सभी को स्वतंत्रता होगी। सभी विद्यालयों का वातावरण मधुर होगा। शिक्षक व छात्र के संबंधों में भी सुधार होगा। जाति धर्म के नाम पर होने वाले झगड़े समाप्त हो जाएंगे । विवाह के अवसर पर भी होने वाले अनावश्यक वह पर नियंत्रण हो जाएगा । दहेज प्रथा समाप्त हो जाएगी। संपूर्ण देश के नागरिकों के नाम के आगे उपनाम या सरनेम नहीं लगेंगे कोई भी व्यक्ति दूसरे की जाति का उपहास नहीं करेगा। कर्म की प्रधानता होगी। नकली वस्तुओं का निर्माण समाप्त हो जाएगा । कालाबाजारी व चोर बाजारी पर नियंत्रण होगा सरकारी कर्मचारी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहेंगे जबरन अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में छात्रों को नहीं पढ़ाया जाएगा। संपूर्ण देश में समान पाठ्यक्रम होगा यहां की कलाएं संपूर्ण जगत में जानी जाएंगी। सभी क्षेत्रों में हम भारतवासी अपना नाम रोशन करेंगे। एक महत्वपूर्ण विषय जो मुझे बहुत परेशान करता है वह है गुटखा और पान मसाला खाना और खा कर पूरे जहां को गंदा करना जगह-जगह उसको थूकना राह चलते व्यक्तियों पर उसकी छीटें आना । इस गुटखा का नाम की बीमारी से भी इस समाज को छुटकारा मिलेगा। मैं और मेरा भारत एक वास्तविक रूप में बदला हुआ और सशक्तिकरण की ओर पूर्ण रूप से अग्रसर हो जाएगा।
धन्यवाद
लेखिका डॉक्टर पूनम भसीन
सहायक अध्यापिका रुकमणी देवी मॉडल हायर यर सेकेंडरी स्कूल आगरा