*हर घर में मातम छाया*
********************
मंजिल से पहले ही मौत ने नंगा नाच दिखाया
कोहराम घर घर में मचा हर घर में मातम छाया।
अपने छूटे सपने रूठे बिखर गया सबका संसार
दुर्घटना ऐसी घटी हर तरफ है चीख और हाहाकार।
किसी का बेटा किसी का भाई किसी की बहन फना है
किसी का बाप किसी की माता किसी का सुहाग छिना है।
फूल सभी अब बन गए पत्थर कलियां बन गईं खार
मंजर ऐसा देख के साजन सिसक रही है बहार।,,, गोपी साजन