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    वीर कुंवर प्रताप सिंह का बचपन

     वीर कुंवर प्रताप सिंह का बचपन
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    जब छाई थी भारत में गुलामी की अंधियारी,
    उस समय जन्मा मेवाड़ में कुंवर प्रताप,
    जैवंता बाई का वीर पुत्र वह,
    भारत मां का वीर संतान,
    उसके हाथ के खेल - खिलौने,
    थे तीर कमान और तलवार। सबके आंखों का था तारा,
    प्रजा जन का अति प्यारा,
    दूसरे के लिए सोचता सदा वह,
    वीर, साहसी, नायक हमारा।
    गुलामी उसे पसंद नहीं थी,
    बचपन से ही था बलशाली,
    आस - पास के शत्रुओं को हराकर,
    बचपन में ही ख्याति पा ली।
    बुंदी का राजा राव सुरतन हो,
    या अकबर का हो बाबा खान,
    सबने उसकी लोहा मानी,
    ऐसा था वह वीर प्रताप।

    कवयित्री:--
    दिव्या कुमारी
    वर्ग 4
    राजकीय कृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय बढ़ेया सिवान बिहार जिला सिवान बिहार
     ( सुपुत्री -- मुकेश कुमार दुबे "दुर्लभ")
    ( शिक्षक सह साहित्यकार)
    सिवान, बिहार

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