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    वीरांगना नारी

    वीरांगना नारी
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    स्वतंत्रता की अमर पुजारी,
    देशभक्त वीरांगना नारी थी।
    नहीं साधारण नारी वह कोई,
    साक्षात् काली अवतारी थी।।
    नाम मनु था बचपन में उसका, 
    गंगाधर राव की रानी थी।
    लक्ष्मी बाई नाम से उसने,
    झांसी में सत्ता संभाली थी।।
    दामोदर राव को गोद लेकर उसने,
    अपना पुत्र बनाया था।
    झांसी रहेगा हिंदुस्तानियों का ही,
    अंग्रेजों को संदेश भिजवाया था।।
    पर अंग्रेजों ने न मानी यह,
    झांसी लेने को ठानी थी।
    रानी ने लोहे के चने चबवाए,
    सबने उसकी वीरता मानी थी।।
    पर,हाय! किस्मत ने साथ न दिया,
    रानी हुई मातृभूमि पर बलिदान।
    याद करेगा कृतज्ञ राष्ट्र उसे,
    अमर रानी लक्ष्मीबाई महान।।
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    मुकेश कुमार दुबे "दुर्लभ"
    ( शिक्षक सह साहित्यकार)
    सिवान, बिहार

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