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    मैं,, पर अहंकार नहीं ,किंतु ,,मैं,, का सम्मान जरूर करें।


    ,,मैं,, पर अहंकार नहीं ,किंतु ,,मैं,, का सम्मान जरूर करें।

    ,,मैं ,,का अहम

    ,,मैं ,, का अहम नहीं है मुझ में, 
    किंतु ,,मैं,, अहम जरूर हूं स्वयं के लिए

      ,, मैं,, की तुलना ना ही किसी से की जाती है 
    और ना ही यह दायित्व किसी को दिया जाता है

     हम सभी भलीभांति परिचित है 
    उस सृष्टि रचयिता ने 

    रूप, रंग, ह्रदय रचना, व्यवहार, 
    कोमल भाव, अनेक गुणों से, 
    अनेकों रचनाएं की है

     उत्तम रचनाएं की हैं
     किंतु ,,मैं,, सिर्फ एक ही है
     ,, मैं,, से तुलना की जाए ऐसा कोई नहीं 

    उसका अपना प्रतिबिंब भी नहीं 
     वह भी ,, मैं,, से विपरीत होता है

     ,, मैं ,,का आकलन करना इतना सहज नहीं 
    क्योंकि उस सृष्टि रचयिता के संसार में

    ,,मैं ,,सिर्फ एक ही है
     ,, मैं,, का अहम नहीं है मुझ में 
    किंतु ,,मैं,, अहम जरूर हूं स्वयं के लिए।
                              रेखा रत‌‌‌नानी 
                       नर्मदापुरम मध्य प्रदेश

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