*बहुत ही रहस्यमय बात*
*यद्यपि हम सभी अपनी-अपनी इच्छापूर्ति के लिए,अपनी-अपनी कामना पूर्ति के लिए, अपनी स्वार्थीप्रवृत्ति के लिए सोच-विचार* *कार्य-व्यवहार, खान-पान,रहना-सहना , उठना-बैठना करते आ रहें हैं और हमेशा करते हैं,पर आपको पता है,इस तरह हम सभी एक-दूसरे का* *भरण-पोषण और सृष्टि का संचालन करते रहते हैं।* *सम्पूर्ण सृष्टि हमारे लिए है और हम सम्पूर्ण सृष्टि के लिए*
*हमारा एक-एक स्वारथ भरा* *क्रियाकलाप सभी की* *उन्नति और पतन का कारण बनता है।*
*सो यदि हम स्वार्थी भी बनें ,तो अच्छी सोच-विचार अच्छे क्रियाकलापों के बने,तो सभी उन्नत होंगे।* *हमारा शरीर, हमारा रहन-सहन, हमारा देश, हमारा राष्ट्र, देशों के जन-जन,हमारा विश्व और हमारी सम्पूर्ण सृष्टि।*
*अब से और आज से ही इस रहस्यमय तथ्य को जान-समझकर सभी जन* *अपनी-अपनी स्वार्थी प्रवृत्ति को सही दिशा दीजिए और अपनी और अपने सभी आत्मजों की दशा बदलिए।*
*मेरे विचारों से आप कितने सहमत और क्रियाशील होंगे,ये विश्व में होता हुआ परिवर्तन सिद्ध करेगा।*
-सुमित्रा गुप्ता
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