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    जिंदगी की किताब में जो तेरे अफसाने न होते।

    जिंदगी की किताब में जो तेरे अफसाने न होते।
    दिल के टुकड़े-टुकड़े, होने के बहाने न होते।

    जो तेरी यादों को दिल से लगाया न होता
    आंखों से छलकाने को अश्कों के पैमाने न होते।

    जो न आते तेरी प्यारी प्यारी बातों में, साहिब
    तेरे फेंके हुए पत्थरों के हम निशाने न होते।

    जो तुम न होते तो, शायद कुछ भी न होता,
    मिले तेरी मोहब्बत में जख्मों के नजराने न होते।

                                        -सुशी सक्सेना

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