राजनैतिक सच्चाई
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हर कुर्बानी हमने दी है किसीने कुछ भी नहीं किया
ये कहते हैं हमने अपना सर्वस्व देश पे लुटा दिया।
सत्य तो ये है क्रांतकारियो की वजह से आजाद हुए
जिन्होंने चूमा फांसी का फंदा घर उनके बर्बाद हुए।
उनको याद नहीं करते बस अपनी दुहाई देते हैं
सिर्फ आजादी हमने दिलाई बेशर्मी से कहते हैं।
काला पानी कभी गए नहीं कष्ट तनिक भी सहे नहीं
इनको जेल में सब सुविधा थी कभी जेल में पिटे नहीं।
नाश्ता पानी सब मिलता था पेपर ठाट से पढ़ते थे
जेल तो एक बहाना था ये वहां कहानियां लिखते थे।
अंग्रेजों से मोटी फीस ले उनके मुकदमे लड़ते थे
स्टाइल से रहते थे और इंग्लिश फैशन करते थे।
आज शहीदों के ये नाम पे अपनी मुहर लगाते हैं
सिर्फ शहीद हुए हैं हमारे गीत ये हरदम गाते है।
गांधी,नेहरूऔर इंद्रा के सिवा इन्हें कुछ याद नहीं
बल्लभभाईपटेल और शास्त्रीजी का कहीं नाम नहीं।
भारत रत्न दिया अपनों को अपनों को समान दिया
काबिल नेता औरभी थे पर कभी न कोई नाम लिया।
खुदी राम का जिक्र नहीं जो जवां भी नहीं हो पाया था
कच्ची उम्र में जिसने खुद ही मौत को गले लगाया था।
हर दफ्तर और न्यायालय में बस इनके ही चित्र लगे
राजगुरु,सुखदेव,भगतसिंह,अशफाकुल्ला नहीं दिखे।
नेताजी,लालाजी और आजाद को सबने भुला दिया
श्रृद्धा उनके प्रति रखी ना अपना ही गुणगान किया।
- गोपी साजन