नमो महावीर
*स्वस्थ जीवन का आधार- केवल शाकाहार*
स्वस्थ जीवन का आधार,
मात्र और मात्र शाकाहार।
पेट है, कोई क़ब्र नहीं,
याद रहे यह सुविचार।
जब चलती चाकू की धार,
मूक जीव रोता लाचार!
क्यों मर जाती संवेदनाएं,
मानवता क्यों जाती हार?
खाना माखन, मिश्री, मेवा,
पशु-पक्षी की करना सेवा।
सब्जी, फल, विविध अनाज,
हैं ऊर्जा के स्रोत -भंडार।
तामसी लहसुन-प्याज सुनो,
शुद्ध सात्विक भोजन चुनो।
अभक्ष्य अंडा, मांस, मच्छी,
करना त्याग कहूँ बारंबार।
पवित्र शाकाहारी भोजन,
रखता शुद्ध तन और मन।
पवित्रता की राह चल कर,
जोड़ देना प्रभु से तार।
सभी धर्मों ने सिखलाया,
अहिंसा धर्म मन को भाया।
पशु-पक्षी, जीव-प्राणी,
रखो सबसे करुणा- प्यार।
मालिनी त्रिवेदी पाठक
वडोदरा
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