श्रद्धांजलि जालियांवाला बाग के शहीदों को


रौलेकट एक्ट के विरोध में
चल रही थी सभा जलिया वाले बाग में
निर्दई जनरल डायर ने गोलियां चलवाई
निर्दोषों पर अमृतसर के इस बाग में।
पंजाब के लोग अपने प्रिय नेता के
गिरफ्तारी के खिलाफ थे
सरकार की दमनकारी नीतियों के विरोध में
विशाल सभा कर रहे थे।
अंग्रेजी सरकार चाहती थी अंकुश
भारतीय क्रांतिकारी गतिविधियों पर
रौलेकट एक्ट क्रांतिकारी अराजकता अधिनियम
अंग्रेजों ने थोप दिया भारत पर।
किसी को भी शक पर गिरफ्तार कर
बिना मुकदमा दंडित कर सकते थे
किसी भारतीय को अधिकार नहीं था
इस काले कानून का विरोध कर सके वे।
डॉ सत्यपाल और डॉक्टर किचलू की अध्यक्षता में
शांतिपूर्ण ढंग से इस काले कानून का विरोध कर रहे थे
अंग्रेजी सरकार ने दोनों को निष्कासित
कर दिया अमृतसर से।
जनरल डायर ने पंजाब में
फौजी शासन लागू किया
आतंक फैला चारों तरफ
निर्दोष नागरिकों का दमन किया।
पंजाब के लोग अपने प्रिय नेता की
गिरफ्तारी नहीं भूल सकते थे
13 अप्रैल 1919 को बैसाखी मेले के दिन
जालियांवाला बाग में विरोध सभा कर रहे थे।

इस विशाल सभा का आयोजन
जनरल डायर ना पचा पाया
निषकलुष, निर्दोष जनता पर
अंधाधुंध गोलियां चलवाया।
एक ही मार्ग था इस बाग में
भीतर जाने और बाहर आने का
वही अपने सैनिकों को खड़ा कर
भारी जनसमूह का कत्लेआम करवाया।
विरोध प्रदर्शन और हड़ताल
वह सर्वत्र भारतवर्ष में
गुरुदेव ने वापस किया 'सर' का खिताब
गांधी जी ने 'कैंसर ए हिंद' लौटाए।
वायसराय की कार्यकारिणी से
शंंकरन नायर ने इस्तीफा दिया
जालियांवाला बाग हत्याकांड ने
पूरे भारतवर्ष को हिला दिया।
करते हैं नमन उन अमर शहीदों को
जो इस पुण्य भूमि पर बलिदान हुए
कोटि-कोटि श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं हम
मातृभूमि पर सहर्ष बलिदान हुए।

मुकेश कुमार दुबे "दुर्लभ '
( शिक्षक सह साहित्यकार)
सिवान, बिहार
मोबाइल नंबर 9576 5350 97 
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