गाय के गोबर की महत्ता

गाय के गोबर की महत्ता 

      सनातन संस्कृति के जितने भी आर्श ग्रंथ हैं, लगभग सभी ने गाय के महत्त्व को स्वीकारा है। गाय में तैतीस कोटि देवताओं का वास बताया गया है। ब्रह्मर्षि वशिष्ठ की नन्दनी नाम की गाय द्धारा विश्वामित्र की चतुरंगनी सेना को भोजन कराना फिर युद्ध में परास्त करने की कथा जग जाहिर है। रघुकुल के प्रतापी राजा दिलीप को गौ सेवा से मनोवांछितफल की प्राप्ति हुई । भगवान श्री कृष्ण जी को गौ सेवा के कारण ही गोपाल या ग्वाला कहा जाता है। आर्थिल आधार पर भी गाय की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता, गोबर की खाद, गोबर गैस, आदि के उपयोग और फायदे के बारे में कौन नहीं जानता! गाय का दूध "सर्वाहार"कहलाता है। पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, मूत्र, गोबर) के बारे में कहा़ जाता है कि __
     
" पंचगव्य के साथ _साथ,
जो सात्विक भोजन करते हैं।
महामारियों के प्रभाव से,
सदा सुरक्षित रहते हैं।।"
        


वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर,वायुमण्डल में प्राणवायु ऑक्सीजन की अधिकतम मात्रा *21%*मानी जाती है ।
      भारत के सन्दर्भ में यह ग्रामीण क्षेत्रों में  *18 _ 19%* और शहरों में *11 _ 12°/*. तक ही है। इसी कारण से भारत में फेफड़े से संबंधित रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
       भारतीय गाय के ताज़ा गोबर में *प्राणवायु ऑक्सीजन की मात्रा 23%* होती है ,जब इस गोबर को सुखा कर कण्डा (ओपला या छैना) बनाया जाता है तो इसमें *ऑक्सीजन की मात्रा बढ़कर 27% तक हो जाती है।* इस कण्डे को जलाने से जो राख बनतीं हैं  इसमें *ऑक्सीजन की मात्रा बढ़कर 30% तक हो जाती है।* इसी  को  भस्म बना देने पर *प्राणवायु 46.6%तक हो जाती है*। इस भस्म को दोबारा जलाकर विशुद्ध भस्म बनाने से*इसमें ऑक्सीजन की मात्रा 60% तक हो जाती है।         वैसे सामान्यतया विज्ञान की मान्यता के मुताबिक  किसी भी वस्तु को प्रोसेस करने से उसमें हानि होती है, परन्तु गाय का गोबर इसमें अपवाद है। जिस तरह लगभग सभी पेड़ _पौधे रात को कार्बन डाइऑक्साइड और दिन को ऑक्सीजन छोड़ते हैं, लेकिन पीपल का वृक्ष इसमें अपवाद है, उसी तरह गाय के गोबर को भी समझना चाहिए।
 जल में थोड़ी सी भस्म मिला देने से  जल शुद्ध हो जाता है और  उसमें सभी आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है।
 
  
*प्राचीन काल में साधू -संत लोग संभवतः इन्ही गुणों के कारण इसे प्रसाद के रूप में  देते थे।* इन्हीं कारणों से गाय के कंडे में घी का हवन करने की परम्परा बनाई गई है। कोरोना काल में गाय के कंडे को जलाकर घी की आहुति देकर ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के प्रयोग बहुतायत मात्रा में किए गए हैं और उसके परिणाम भी काफी सकारात्मक रहे हैं।


      वैज्ञानिक अनुसंधान के अनुसार  यदि एक लीटर पानी में 10-15 ग्राम   भस्म मिलाई जाय और भस्म जब पानी के तले में बैठ जाये तब इस पानी को पीने से  पानी की शुद्धता के साथ ही निम्नवत   पोषक तत्व प्राप्त हो सकते हैं।


01. _ऑक्सीजन  O = 46.6 %
02, _सिलिकॉन  SI  = 30.12 %
03,_ कैल्शियम Ca = 7.71 %
04_ मैग्नीशियम Mg = 2.63 %
05_ पोटैशियम K = 2.61 %
06_क्लोरीन CL = 2.43 %
07_ एल्युमीनियम Al  = 2.11 %
08_ फ़ास्फ़रोस P = 1.71 %
09_ लोहा Fe = 1.46 %
10_. सल्फर S =1.46 %
11_. सोडियम Na = 1 %
12_. टाइटेनियम Ti = 0.19 %
13_. मैग्नीज Mn =0.13 %
14_. बेरियम Ba = 0.06 %
15_. जस्ता Zn = 0.03 %
16_. स्ट्रोंटियम Sr = 0.02 %
17_ लेड Pb = 0.02 %
18_. तांबा Cu = 80 PPM
19_. वेनेडियम V=72 PPM
20_ ब्रोमिन Br = 50 PPM
21_. ज़िरकोनियम Zr 38 PPM
22_सिलिकाँन डाइऑक्साइड -
              SIO2 = 64.44%
23_. कैल्शियम ऑक्साइड
            CaO =10.79 %
24_. मैग्नीशियम ऑक्साइड
       MgO = 4-37 %
25_ एल्युमीनियम ऑक्साइड
        AI2O3 = 3.99%
26_. फास्फोरस पेंटाक्साइड
        P2O5 = 3.93%
27_ पोटेशियम ऑक्साइड
       K2O = 3.14 %
28_. सल्फर ऑक्साइड
       SO3 = 2.79%
29_ क्लोरीन  CL=2.43 %
30_  आयरन ऑक्साइड
      Fe2O3=2.09%
31_. सोडियम ऑक्साइड
       Na2O = 1.35 %
32_.  टाइटेनियम ऑक्साइड
        TiO2 = 0.32%
33_. मैंगनीज ऑक्साइड
      MnO = 0.17 %
34_.  बेरियम ऑक्साइड
        BaO = 0.07 %
35_.  जिंक ऑक्साइड  
       ZnO = 0.03%
36_.  स्ट्रोंटियम ऑक्साइड
        SrO = 0.03%
37_ लेड ऑक्साइड
      PbO = 0.02%
38_. वेनेडियम ऑक्साइड
      V2O5 = 0.01 %
39_. कॉपर ऑक्साइड
       CuO = 0.01%
40_. जिरकोनियम ऑक्साइड
         ZrO2 =52 PPM
41_. ब्रोमिन Br = 50 PPM
42_  रुबिडियम ऑक्साइड
      Rb2O = 32 PPM

        उपरोक्त सभी तत्व शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक हैं।


डा शिव शरण श्रीवास्तव "अमल "
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