कोई परिणाम नहीं मिला

    सबसे खास दिन था, वो मेरे लिए

    सबसे खास दिन
    सबसे खास दिन था, वो मेरे लिए,
    जब तुमसे मुलाकात हुई थी और
    तुमने मुझे अपना कह कर पुकारा था
    पहली बार दिल की बात हुई थी।
    मगर गुजर गए वो लम्हें और
    पराएपन का अहसास दिला दिया ।
    गुजरे हुए लम्हे वापिस नहीं आते
    मगर वो दिन हमेशा के लिए
    ऐ साहिब, मेरे दिल में बस गए

    सबसे खास दिन था, वो मेरे लिए
    जब तुमने इस बात का अहसास दिलाया
    की मैं बहुत खूबसूरत और हुनरमंद हूं
    और मुझे सिखाया प्यार का मतलब
    इस दिल में जगाया जो प्यार वो
    झूठा भी नहीं है और सच्चा भी नहीं लगता
    एक अधूरा ख्वाब था, हकीकत न बन सका

    सबसे खास दिन था, वो मेरे लिए
    जब तुमने, मुझे लाल गुलाब दिया था
    तेरी यादों की ख़ुशबू को आज भी मैंने
    सहज कर रखा है इनकी पंखुड़ियों में
    ये बात और है कि वो गुलाब सूख गए।

    सबसे खास दिन था, वो मेरे लिए
    जब तुमने मुझे अपना फेवरेट कहा था
    सुना था वक्त बदल जाता है बदल गया
    और वक्त के साथ साथ लोगों की
    पंसद भी बदल जाया करती है इसलिए
    शायद तुम्हारे फेवरेट भी बदल गए ।

    सबसे खास दिन था, वो मेरे लिए
    जब तुमने मांगा था हाथ मेरा, और
    किया था एक प्यारा सा वादा
    उम्रभर साथ चलने का तेरी आंखों में
    ऐ साहिब, उस दिन मैंने देखा था इरादा
    मगर मैं आज भी तेरे इंतज़ार में
    उसी मोड़ पर खड़ी हूं एक अरसे से और
    तुम उन राहों में वापिस आना भूल गए।

    सबसे खास दिन थे, वो मेरे लिए
    जिसे भुला दिया तुमने, सहजता से 
    तुम्हारे लिए वो बातें सिर्फ बातें थीं
    मगर अब बन गए हैं वो दिन मेरे लिए
    ऐ साहिब, उम्र भर के लिए उनकी यादें
    मेरे जिंदा रहने का एक प्रमुख साधन।

    सुशी सक्सेना इंदौर मध्यप्रदेश

    एक टिप्पणी भेजें

    Thank You for giving your important feedback & precious time! 😊

    और नया पुराने

    संपर्क फ़ॉर्म