माँ
माँ हैं तो संसार है ॥
बिन मॉं जीवन बेकार है ॥
आँखों में उमड़ते आँसू,
छिपाने की कोशिश ,
होठों पे मुस्कान है ॥
ये तो माँ की दास्तान है।
अपनी खुशियाँ करती जो
अपनों के लिए कुर्बान है ।
दर्द का घुट पीती जो,
शिव समान है।
ये तो माँ की दास्तान है ।
अर्न्तमन में दबाये जो,
हजारों अनकहे सवाल है !
पर अपने परिवार रक्षा हेतु,
हर मोड़ पर शक्ति स्वरूप ,
बन तैयार है ।
तभी तो,
माँ है तो संसार है,
बिन माँ जीवन बेकार है ॥
-निवेदिता सिन्हा
भागलपुर,बिहार
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