मेरी कहानी
मोहब्बत हुई फिर से यही हे नादानी मेरी।।
सोचा बीती जिंदगानी हम भूल ही जाएंगे
टूटे फिर सपने मेरे दर्द से घिरी जवानी मेरी।।
दर्द ही दर्द इतना कि दर्द अब सह ना पाते
दर्द सजाते-सजाते कलम बनी दीवानी मेरी।।
गुजरते हर पल संग मेरा दर्द बड़ता जाता
शब्द मे सजा मुझे सुकून दे ये कलम सयानी मेरी।।
जब कभी खुशी मेरे दर आएगी ये सोचते हम
तब वीणा तान मे सुनाएगी फिर कहानी मेरी।।
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर , महाराष्ट्र