है माँ शारदे
भवसागर से तार दे
ज्ञान दे वरदान दे
जीवन को सँवार दे
है ममतामयी माँ शारदे
सब जन सुखी हो
न कोई दुःखी हो
न भय हो न अज्ञानता
माँ शारदे ज्ञान का
प्रकाश फैलाकर
अज्ञानता से सब को
तार दे।
भारत में हो भाई चारा
न रहे कोई बेचारा
माँ सब को उभार दे
इस भवसागर से
तार दे।
सुख संपन्नता से
जीवन को सँवार दे।
जीवन की नैया
माँ तुम हो खेवैया
तेरे सहारे है मैया
बागडोर तेरे हाथों में
तेरा रहे साथ
जीवन की हर बातों में
है माँ शारदे
ज्ञान धन मान जीवन
सब कुछ तुझको
अर्पित।
हूँ समर्पित तेरे चरणों मे
जीवन हमारा सँवार दे।
है माँ शारदे।
डॉ. अशोक जाटव"राही"
भोपाल(मध्यप्रदेश)