आज की नारी के निरंतर बढ़ते कदम!!

" लोगों को जगाने के लिए महिलाओं का जाग्रत होना जरूरी है!" _जवाहर लाल नेहरू 
 
  हम सभी इस बात से पूर्णतः परिचित हैं की आज के कुछ साल पहले या हम कह सकते हैं की आजादी से पहले पुरुष प्रधान देश में नारियां घर की बस चार दीवारों के बीच बंद रह जाती थी, उन्हे घर के बाहर निकलने का कोई अधिकार नहीं था | नारियां को घर पर रखी वस्तु के समान समझा जाता था,उनपर अत्याचार किए जाते थे, वे अपने मन के विचार किसी के सामने नही रख सकती थी,उन्हे खुल के जीने का कोई अधिकार नहीं था|
          परंतु पहले की अपेक्षा आज के इस बढ़ती हुई शिक्षा के युग में हमारे देश की नारियां निरंतर रूप से आगे बढ़ती जा रही हैं| आज के समय में नारी अपने कदम हर क्षेत्र में बढ़ा रही हैं चाहे वो कोई सा भी क्षेत्र हो |इस आधुनिक युग में हमारी नारियां पुरुषों से कम नही रह गई ,वे भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिला के अपने हर कार्य में निपुड होती जा रही हैं| आज बेटों के स्थान पर महिलाएं पूरी निपुणता से घर की जिम्मेदारियां संभाल रही हैं| हमारी नारियां अब समाज के उस घिनौने विचारों को ठोकर मार के खुद को पुरुषों से भी आगे बढ़ने की राह पर निरंतर आगे बढ़ के अबला नारी को एक ‘आधुनिक नारी ’की पहचान दे रही हैं|
जिसकी हमें आसक्त ज़रूरत है|
      क्यों की हमारा यह मानना है कि हमारे इस परिवर्तन शील देश में नारियों का भी बराबर हाथ ,उनका आधुनिक होना बहुत ही जरूरी है| उनका सम्मान इसी में है की वे समाज की बातों को अनसुनी कर अपने कदम बस आगे बढ़ाती रहें|
स्त्री हमारे समाज का आधार होती हैं| उनके बिना हम कुछ भी हासिल नही कर सकते हैं|
उनका निरंतर साथ ही हमारे देश को आगे बढ़ाने में सहायक होगा|
        "नारी प्रीत में राधा बने,
       ग्रहस्ती में बने जानकी,
काली बनके शीश काटे ,
जब बात हो सम्मान की|"
  
अर्थात हमें पूर्ण रूप से यह विश्वास है की नारियां अपने सम्मान को खोने नही देंगी और अपनी पूरी ताकत से पुरुषों के कंधों से कंधा मिला कर चलेंगी| देश को यह कर दिखाएंगी की महिलाएं अब पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं|
"कोई भी देश अपनी सफलता के शिखर पर तब तक नही चढ़ सकता जब तक उस देश की महिलाएं कंधे से कन्धा मिला कर न चलें "
हमारा यह मानना है की नारी पुरुषों के साथ यदि इसी प्रकार कदम से कदम मिला कर देश के विकास में सहयोग करेंगी तो हमारा देश सफलता की और बहुत ही आगे बढ़ सकता है|
हमारे देश में ऐसी कई समस्याएं हैं जिनका सामना करने में नारियों का भी साथ आवश्यक है|

   नारी शक्ति बहुत कुछ कर सकती है|अतः नारियों का आगे आना बहुत ज़रूरी है|
                    ध्यानवाद!!!
      PRACHI SRIVASTAVA 
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