नशा, पागलपन, निराशा और मूड डिसऑर्डर होना... कहीं आपको कातिल ना बना दे..!

आज के समय में युवाओं में गुस्सा कुछ इस कदर देखने को मिलता है, कि वो खुद को चोट पहुंचाने के साथ ही किसी का कत्ल तक कर बैठते हैं, लेकिन बाद में पछताते भी है, तो उसका कोई मतलब नहीं... यानी अगर आपको भी गुस्सा आता है, तो गुस्से से खुद बचाएं और अपने मूड को हमेशा फ्रेश रखने के साथ ही नशे की गंदी आदत से भी स्वयं ही बचें।
ज़रूरी नहीं कि आप नशा ही करें, बल्कि आप नशीले पदार्थों का सेवन न करके फल इत्यादि का सेवन करें, जो हमारे शरीर के लिए भी लाभदायक होगा।
आपने ऐसा सुना ही होगा कि कहीं बेटे ने किया मां का कत्ल, पिता ने किया अपने परिवार का कत्ल, बेटा या बेटी निकली अपने पूरे परिवार की कातिल, या फिर हाल ही में दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस की बात करें, तो आपको पता ही होगा कि प्रेमी ने अपनी ही प्रेमिका को पहले गला दबा कर मार डाला फिर का शव को 35 टुकड़ों में तब्दील कर दिया। ये सब सुनकर यकीन करना बेहद मुश्किल हो जाता है, लेकिन कई बार ऐसा हो चुका है, जब गुस्से में इंसान क्या कुछ कर जाता है वो सोचता नहीं। कॉलिन की डिक्शनरी के अनुसार, हिट ऑफ द मोमेंट में इंसान बिना रुके और बिना सोचे-समझे कुछ भी कर जाता है।

मानस्थली वेलनेस क्लिनिक की फाउंडर और सीनियर साइकेट्रिस्ट डॉ. ज्योति कपूर बताती हैं कि आज के समय में युवाओं में गुस्सा कई प्रकार की समस्याओं का लक्षण हो सकता है। सबसे कॉमन है "तनाव" जो आज के समय में दुनिया में सबसे ज्यादा देखा जाता है। 
जानते हैं गुस्से के कारण क्या-क्या हो सकते हैं।

1. अक्सर जिन युवाओं को बायपोलर डिसऑर्डर होता है उन्हें जल्दी गुस्सा आ जाता है. इसके तहत इंसान अपना सेल्फ कंट्रोल खो देता है और इमपल्सीव बन जाता है। इसके चार स्टेप होते हैं। सीवियर डिप्रेशन, नॉर्मल मूड, हाइपो मैनिया और मैनिया या मैनिक साईकोसिस।

2. इस स्थिति में भी इंसान को काफी ज्यादा गुस्सा आ जाता है। खासतौर पर सिज़ोफ्रेनिया वाले युवा इससे काफी ज्यादा परेशान हो जाते हैं। सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है, जिसका पता लगाना अब भी वैज्ञानिकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।

3. ये एक ऐसी समस्या है जो कई कारणों की वजह से हो सकता है। ये पर्सनल और प्रोफेसनल भी हो सकता है। इसके कारण इंसान अपनी लाइफ में कई तरह की समस्या से गुजर रहा होता है वहीं, कई लोग ये चीजे दूसरों से शेयर नहीं कर पाते, जिसके चलते उनके अंदर ही अंदर चिंता और हताशा बढ़ जाती है।

4. जब इंसान शराब के नशे में होता हैं तो उसके सोचने समझने की क्षमता काफी कम हो जाती है। इसी के कारण वो हिंसक और असंतोष काम कर जाता है।

हिमांशु त्रिपाठी
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