कागज वही है, कलम चलायेगा कौन। यह वर्ग दिशा भटक रही है राह सही दिखलायेगा कौन ।। विषय देख यह गंभीर, मन हो रहा विचलित। गलत पथ चलने लगे है लोग संदेश नई बतलायेगा कौन। तालीम को अपनी तलवार बनाकर युद्ध भूमि मे लड़ना होगा। देश मेरा लड़खड़ा रहा फिर से राह सही चलना होगा ।। यह देश है वीर सपूतों का, भारती माँ के धीरों का। जिनकी कर्म ने भूमि को मुक्त कराया, लड़ गये वो वतन वास्ते न जान की परवाह न जिने की लालच बस सपना था उनका एक सम्पूर्ण भारत। तालीम को अपनी तलवार युद्ध युद्ध भूमि मे लड़ना होगा । राह गलत चल रहा ये अब, राह सही चलना होगा ।।
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