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    पर्यावरण


    पर्यावरण, पर हमारा जीवन पूरी तरह निर्भर है, क्योंकि एक स्वच्छ वातावारण से 
    ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। पर्यावरण, जीवन जीने के लिए उपयोगी वो 
    सारी चीजें हमें उपहार के रुप में उपलब्ध करवाता है।

    पर्यावरण से ही हमें शुद्ध जल, शुद्ध वायु, शुद्ध भोजन,प्राकृतिक वनस्पतियां 
    आदि प्राप्त होती हैं। लेकिन इसके विपरीत आज लोग अपने स्वार्थ और चंद लालच के 
    लिए जंगलों का दोहन कर रहे हैं, पेड़-पौधे की कटाई कर रहे हैं, साथ ही भौतिक 
    सुख की प्राप्ति हुए प्राकृतिक संसाधनों का हनन कर प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे 
    हैं, जिसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ा रहा है।


    इसलिए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं प्राकृतिक पर्यावरण के 
    महत्व को समझाने के लिए हर साल दुनिया भर के लोग 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस 
    – World Environment Day के रूप में मनाते हैं। हमने कभी जाना हैं की इस दिवस 
    को हम क्यों मनाते हैं। इस दिन का जश्न मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों के 
    बीच जागरूकता पैदा करना है ताकि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सकारात्मक कदम उठा 
    सकें।

    और साथ ही कई बार स्कूलों में छात्रों के पर्यावरण विषय पर लिखने के लिए कहा 
    जाता है, इसलिए आज हम आपको पर्यावरण पर अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध 
    करवा रहे हैं, जिसका चयन आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –



    पर्यावरण, जिससे चारों तरफ से संपूर्ण ब्रहाण्ड और जीव जगत घिरा हुआ है। 
    अर्थात जो हमारे चारों ओर है वही पर्यावरण है। पर्यावरण पर मनुष्य ही नहीं, 
    बल्कि सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियां आदि पूरी तरह निर्भर हैं।


    पर्यावरण के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती हैं, क्योंकि पर्यावरण ही 
    पृथ्वी पर एक मात्र जीवन के आस्तित्व का आधार है। पर्यावरण, हमें स्वस्थ जीवन 
    जीने के लिए शुद्ध, जल, शुद्ध वायु, शुद्ध भोजन उपलब्ध करवाता है।

    एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक स्वच्छ वातावरण बहुत जरूरी है 
    लेकिन हमारे पर्यावरण मनुष्यों की कुछ लापरवाही के कारण दिन में गंदे हो रहा 
    है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे सभी को विशेष रूप से हमारे बच्चों के बारे में 
    पता होना चाहिए।

    “पर्यावरण की रक्षा, दुनियाँ की सुरक्षा!”

    पर्यावरण न सिर्फ जीवन को विकसित और पोषित करने में मद्द करता है, बल्कि इसे 
    नष्ट करने में भी मद्द करता है। पर्यावरण, जलवायु के संतुलन में मद्द करता है 
    और मौसम चक्र को ठीक रखता है।

    वहीं अगर सीधे तौर पर कहें मानव और पर्यावरण एक – दूसरे के पूरक हैं और दोनों 
    एक-दूसरे पर पूरी तरह से निर्भर हैं। वहीं अगर किसी प्राकृतिक अथवा मानव 
    निर्मित कारणों की वजह से पर्यावरण प्रभावित होता है तो, इसका सीधा असर हमारे 
    जीवन पर पड़ता है।


    पर्यावरण प्रदूषण की वजह से जलवायु और मौसम चक्र में परिवर्तन, मानव जीवन को 
    कई रुप में प्रभावित करता है और तो और यह परिवर्तन मानव जीवन के आस्तित्व पर 
    भी गहरा खतरा पैदा करता है।

    लेकिन फिर भी आजकल लोग भौतिक सुखों की प्राप्ति और विकास करने की चाह में 
    पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं। चंद लालच के चलते मनुष्य 
    पेड़-पौधे काट रहा है, और प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर कई ऐसी प्रतिक्रियाएं कर 
    रहा है, जिसका बुरा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है।


    वहीं अगर समय रहते पर्यावरण को बचाने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो मानव जीवन का 
    आस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

    इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर उचित कदम उठाने चाहिए। हमें 
    ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए और पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह रोक 
    लगानी चाहिए।

    आधुनकि साधन जैसे वाहन आदि का इस्तेमाल सिर्फ जरूरत के समय ही इस्तेमाल करना 
    चाहिए, क्योंकि वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुआं न सिर्फ पर्यावरण को दूषित 
    कर रहा है, बल्कि मानव जीवन के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रहा है। इसके अलावा 
    उद्योगों, कारखानों से निकलने वाले अवसाद और दूषित पदार्थों के निस्तारण की 
    उचित व्यवस्था करनी चाहिए,ताकि प्रदूषण नहीं फैले।


    वहीं अगर हम इन छोटी-छोटी बातों पर गौर करेंगे और पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाने 
    में अपना सहयोग करेंगे तभी एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकेगा।

    आर्यन पांडे

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