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    क्रिसमस डे

    बच्चे क्रिसमस का बेसब्री से इंतजार करते है। वो मानते है सांता आएगा और उन 
    लोग के लिए ढेर सारा गिफ्ट लाएगा। क्रिसमस एक बड़ा त्योहार है जिसे लोगों 
    द्वारा ठंड के मौसम में मनाया जाता है। इस दिन। पर सभी एक सांस्कृतिक अवकाश का 
    लुत्फ उठाते है तथा इस अवसर सभी सरकारी (स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, शिक्षण 
    संस्थान, प्रशिक्षण केन्द्र आदि) तथा गैर-सरकारी संस्थान बंद रहता है।ईसाई 
    समुदायों के लिये क्रिसमस एक महत्वपूर्ण त्योहार है हालाँकि ये पूरी दुनिया 
    में दूसरे धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। ये एक प्राचीन उत्सव है 
    जो वर्षों से शीत ऋतु में मनाया जाता है। ये प्रभु ईशु के जन्मदिवस पर मनाया 
    जाता है। पारिवारिक सदस्यों में सभी को सांता क्लाज़ के द्वारा क्रिसमस की 
    मध्यरात्रि में उपहार बाँटने की बड़ी परंपरा है।सांता क्लाज़ रात के समय सभी 
    के घरों में जाकर उनको उपहार बाँटता है खासतौर से बच्चों को वो मजाकिया उपहार 
    देता है। बच्चे बड़ी व्याकुलता से सांता और इस दिन का इंतजार करते है। वो अपने 
    माता-पिता से पूछते है कि कब सांता आयेगा और अंततः: बच्चों का इंतज़ार खत्म 
    होता है और ढ़ेर सारे उपहारों के साथ सांता 12 बजे मध्यरात्रि को आता है।

    परंपरा और मान्यता (Traditions and Rituals on Christmas)

    क्रिसमस के त्यौहार में यह एक परंपरा है कि लोग इस दिन अपने दोस्तों और 
    रिश्तेदारों को सुन्दर ग्रीटिंग कार्ड भेजते और देते हैं। हर कोई परिवार के 
    लोग और दोस्त रात के दावत में शामिल होते है।

    इस पर्व में मिठाई, चॉकलेट,ग्रीटींग कार्ड,  क्रिसमस पेड़, सजावटी वस्तुएँ 
    आदि भी पारिवारिक सदस्यों, दोस्तों, रिश्तेदार और पड़ोसियों को देने की परंपरा 
    है। लोग पूरे जनून के साथ महीने के शुरुआत में ही इसकी तैयारियों में जुट जाते 
    है। इस दिन को लोग गाने गाकर, नाचकर, पार्टी मनाकर, अपने प्रियजनों से मिलकर 
    मनाते है। प्रभू ईसा, ईसाई धर्म के संस्थापक के जन्मदिवस के अवसर पर ईसाईयों 
    द्वारा इस उत्सव को मनाया जाता है। लोगों का ऐसा मानना है कि मानव जाति की 
    रक्षा के लिये प्रभु ईशा को धरती पर भेजा गया है।

    पूरी दुनिया में क्रिसमस, युवा और बूढ़े लोगों द्वारा प्यार किया जाने वाला एक 
    विशेष और जादुई अवकाश है। दुनिया भर में क्रिसमस के बारे में जानने के लिए 
    बहुत कुछ है। अन्य देशों में भी बच्चे और बूढ़े क्रिसमस का जश्न मनाते हैं। इस 
    तरह क्रिसमस का त्योहार लोगों को सबके साथ मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है। 
    ईसा मसीह कहते थे-दीन-दुखियों की सेवा संसार का सबसे बड़ा धर्म है।

    क्रिसमस ईसाइयों का त्यौहार है यह पूरे विश्व में 25 दिसंबर को धूम-धाम से 
    मनाया जाता है। लोगों द्वारा पूरी दुनिया में क्रिसमस को मनाया जाता है, इसे 
    खासतौर से ईसाई धर्म के लोगों द्वारा हर साल 25 दिसंबर के दिन मनाया जाता है। 
    इसे प्रभु ईसा के जन्मदिन पर मनाया जाता है, ये ईसाइयों के भगवान है जिन्होंने 
    ईसाई धर्म की शुरुआत की। ये त्योहार हर साल ठंड के मौसम में आता है हालाँकि 
    लोग इसे पूरी मस्ती, क्रिया-कलाप और खुशी के साथ मनाते है। ये ईसाइयों के लिये 
    एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसके लिये वो लोग ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस 
    उत्सव की तैयारी एक महीने पहले ही शुरु हो जाती है और क्रिसमस के 12 दिनों के 
    बाद ये पर्व खत्म होता है।इस दिन केक का बहुत महत्व होता है। लोग एक दूसरे को 
    उपहार स्वरूप केक भी देते है और अपने यहां भोज पर आमंत्रित करते है। ईसाई लोग 
    अपने घर में तरह -तरह के केक बनाते है। इस दिन लोग क्रिसमस के पेड़ को सजाते 
    है, अपने दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसियों के साथ खुशियाँ मनाते है और उपहार 
    बाँटते है। इस दिन की मध्यरात्रि को 12 बजे सेंता क्लाज हर एक के घर आते है और 
    चुपचाप बच्चों के लिये उनके घरों में प्यारे-प्यारे उपहार रखते है। अगली सुबह 
    ही अपनी पसंद के उपहार पाकर बच्चे भी बहुत खुश होते है। इस दिन सभी स्कूल, 
    कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालय और दूसरे सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान आदि 
    बंद रहते है। पूरे दिन ढेर सारे क्रिया-कलापों द्वारा क्रिसमस अवकाश के रुप 
    में लोग इसका आनन्द उठाते है।

    लोग बड़े डिनर पार्टी का लुत्फ  उठाते है जिसे भोज कहते है। इस खास मौके पर 
    ढ़ेर सारे लजीज़ व्यंजन, मिठाई, बादाम आदि बनाकर डाईनिंग टेबुल पर लगाते है। 
    सभी लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनते है, नृत्य करते है, गाते है, और मज़ेदार 
    क्रिया-कलापों के द्वारा कर खुशी मनाते है। इस दिन ईसाई समुदाय अपने ईश्वर से 
    दुआ करते है, अपने सभी गलतियों के लिये माफी माँगते है, पवित्र गीत गाते है और 
    अपने प्रियजनों से खुशी से मिलते है।
      क्रिसमस की गीत और सजावट (Christmas – Song and Decoration)

    आनंद गीत बहुत ही प्रसिद्ध है, ये क्रिसमस के दिन गया एवं बजाय जाता है। इस 
    दिन पर सभी घर और चर्च की सफाई होती है, सफेद पुताई और ढेर सारे रंग-बिरंगे 
    रोशनीयों, सीनरी, मोमबत्तियाँ, फूल और दूसरी सजावटी चीजों से इनको सजाया जाता 
    है। सभी एक साथ इस उत्सव में शामिल होते है चाहे वो गरीब हो या अमीर और खूब 
    धमाचौकड़ी के साथ इसको मनाते है। अपने घरों के बीच में सभी क्रिसमस के पेड़ को 
    सजाते है। वो इसे इलेक्ट्रिक लाईट, उपहारों, गुबारों, फूलों, खिलौनों, हरी 
    पत्तियों तथा दूसरे वस्तुओं से सजाते है। क्रिसमस का पेड़ बेहद सुंदर और 
    आकर्षक दिखाई देता है। इस अवसर सभी लोग पर अपने दोस्त, परिवार, रिशतेदारों और 
    पड़ोसियों के साथ क्रिसमस के पेड़ के सामने खुशी मनाते है। सभी नृत्य, संगीत, 
    उपहारों को बाँटकर और लजीज़ पकवानों के साथ इस उत्सव में शरीक होते है।क्रिसमस का उपहार (Christmas Gifts)

    इस दिन ईसाई लोग भगवान से प्रार्थना करते है। प्रभु ईशा के सामने वो अपनी 
    गलतीयों के लिये माफी माँगते है। अपने भगवान ईसा मसीह के गुणगान में लोग 
    पवित्र भजन गाते है, बाद में वो अपने बच्चों और मेहमानों के लिये क्रिसमस के 
    उपहार बाँटते है। इस दिन पर अपने मित्रों और रिश्तेदारों को क्रिसमस के कार्ड 
    देने की परंपरा है। सभी क्रिसमस भोज के बड़े उत्सव में शामिल होते है और अपने 
    पारिवारिक सदस्यों और मित्रों के साथ खुशबूदार पकवानों का लुफ्त उठाते है। 
    बच्चे इस दिन का बहुत उत्सुकता से इंतजार करते है क्योंकि उनको ढेर सारे उपहार 
    और चौकेलेट मिलते है। क्रिसमस का उत्सव स्कूल और कॉलेजों में एक दिन पहले 24 
    दिसंबर को मनाया जाता है, उस दिन बच्चे सांता क्लाज की ड्रेस या टोपी पहनकर 
    स्कूल जाते है। 

    शुभम तिवारी

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