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    बुखार* (बाल कविता)

    *बुखार* (बाल कविता)
    *मैं हुई आज बीमार,* 
    *मुझे हुआ है तेज़ बुखार।*

    *स्कूल से आज मेरी छुट्टी हुई,* 
    *मम्मी संग डॉक्टर के पास गई।*

    *मैंने कहा मैं लूंगी सिर्फ दवाई,*
    *मगर डॉक्टर ने मुझे सुई लगाई।*

    *कहा दो दिन करना अब आराम,*
    *मैंने सोचा यह है अच्छा काम।*

    *दो दिन पढ़ाई की छुट्टी हुई,*
    *लेकिन भैया संग मेरी कुट्टी हुई।*

    *सर्दी,गर्मी व लू से तुम बचाना,*
    *बच्चों ध्यान अपना तुम रखना।*

    *मच्छर काटने से भी बुखार हो जाता,*
    *फिर टेस्ट यह कई तरह के करवाता।*

    *होता है बुखार से बड़ा नुकसान,*
    *दोस्तों रखो तुम अपना ध्यान।*

    *शैलेंद्र सिंह शैली*
    *महेंद्रगढ़,हरियाणा।*
    ©®
    #शैलेन्द्रसिंहशैली

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