हे श्याम तेरे चरणों में, जो मुझको सहारा मिल जाए।
सच कहती हूं भगवान, नईया को किनारा मिल जाए।
मेरे मन के उपवन में, खिल जाएं सुमन तेरी भक्ति के,
जो तू मिल जाए तो, कोई अपना हमारा मिल जाए।
तेरी मधुर मधुर मुस्कान, उस पर मुरली की ये तान
ग्वाल, गईयां संग, और पहने ब्रजगांव का परिधान
मईया यशोदा का लल्ला, है सारे वृंदावन की शान
देखूं ये रूप सलोना, नैनों को सुख सारा मिल जाए।
मनमोहन मेरे, तुमको समर्पित मेरी कलम का गीत
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, और राधा के मन मीत
युगों-युगों तक चलती रहेगी, तेरे प्रेम की यह रीत
दया के सागर हो तुम, तेरे प्रेम की धारा मिल जाए।
सुशी सक्सेना