*चलो साथी यहां से अब*
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चलो साथी यहां से अब नई दुनियां बसाएंगे
नया घर चांद पर होगा सितारे मुस्कराएंगे।
खिलेंगे गुल मुहब्बत के खुशी के गीत गायेंगे
हम अपनी बाहों में तुमको झुलाकर के सुलाएंगे।
बहेगी प्रेम की धारा मिलन होगा वहां प्यारा
बना तस्वीर उल्फत की जमाने को दिखाएंगे।
अगर जां जाए भी अपनी तो इसका गम नहीं होगा
कहानी प्यार की हम तो जहां में छोड़ जायेंगे।,,,, -गोपी साजन