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    राखी

    राखी
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    भाई बहन का प्यार है राखीं धागों का त्योहार
    पवित्र है बंधन रक्षा का ये साल में आता है एक बार।

    भाई बहन से वादा करता वादा सदा निभाता है 
    दुख सुख में रहकर के खड़ा वो सारी रश्म निभाता है।

    भाई के पलकों पे आंसू बहन देख नहीं पाती है 
    चाहे जितनी दूर रहे वो दौड़ के पास में आती है ।

    भाई के मंगल की कामना हरदम करती रहती है 
    सुख में सुखी भाई के होती दुख मैं दुखी होजाती है।
     
    मात पिता के बाद में भी ये अपना फ़र्ज़ निभाते है
     पवित्र प्रेम के बंधन की हम सब ही गाथा गा ते हैं ।
    -गोपी साजन

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