दासी प्रथा
हो गई कभी की खत्म
दास प्रथा
अब दास-दासियाँ
खरीदी या बेची
नहीं जाती
अब लाई जाती हैं
विवाह करके
जो लाती हैं संग
कीमती सामान
नकदी व गहने
जो दुल्हन बनकर भी
रह जाती हैं
दासी बनकर
यह अघोषित
दासी प्रथा
जाने कब होगी खत्म?
-विनोद सिल्ला©