आज गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरु के चरणों में समर्पित कुछ दोहे🙏🙏🙏
*आषाढ़, शुक्लपक्ष, पंचमी*
*संवत् २०८०*
*०३ जुलाई सोमवार*
*जय गुरुदेव*
मात-पिता जो प्रथम गुरु,हैं करते कल्याण ।
क्यों दर-दर है खोजता,जब घर में भगवान ।।
विषम परिस्थिति यदि बने, तब गुरु आते काम ।
कोई मार्ग निकालते, जो दे शुभ परिणाम
गुरु की सेवा से सदा, शुभ फल पाते शिष्य ।
शुभाशीष भी प्राप्त हो, सुंदर बने भविष्य ।।
उर शोधन गुरु ही करें, निज वाचन से मित्र ।
वे अपने सानिध्य से, करते हमें पवित्र ।।
गुरु की बातें ध्यान से, सुनकर करें विचार ।
जीवन में उपयोग हित, उर में लें हम धार ।।
✍️ राहुल सिंह ओज