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    *नशा नाश का कारण है*

    *कविता*
    *नशा नाश का कारण है*
    *शाकाहार निवारण है।।*

    नशा नाश का कारण है इसे भगाओ दूर।
    मत सेवन इसका करो पालो नही फितूर।
    हो जाओ तुम शाकाहारी करो ग्रहण जल पान।
    धूम्रपान को छोड़ दो अपने हिंदुस्तान।
    करो नही व्यभिचार किसी पर खाओ सब्जी दाल।
    मत मारो जीवों को नही बनो तुम काल।
    सिगरेट बीड़ी और तम्बाकू इनका करो विरोध।
    इससे समाज में बढ़ रहा दिन प्रतिदिन अवरोध।
    जीवों पर उपकार करो तुम सभी ग्रंथ हैं कहते।
    हैं निर्भर तुम पर ये प्राणी पीड़ा अपनी सहते।
    तनिक चोट भी लग जाती है होता दर्द अपार।
    अपने दर्द को समझ कर नही करो व्यभिचार।
    इनसे प्रकृति सुनहरी होती बहु उपयोगी जीव।
    मत मारो इनको चाकू से नही करो निर्जीव।
    कह दिनकर कवि राय नशा को मिलकर दूर भगाओ।
    पर्यावरण स्वच्छ हो जाए कुछ ऐसा अपनाओ।।

    *रचनाकार✍️*
    *पंकज सिंह "दिनकर"*
    *(अर्कवंशी) लखनऊ उत्तर प्रदेश*

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