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    जीवन को रोगमुक्त बनाने के लिए ॐ एवं हरिॐ का सस्वर उच्चारण अति आवश्यक -

    *जीवन को रोगमुक्त बनाने के लिए ॐ एवं हरिॐ का सस्वर उच्चारण अति आवश्यक - अजीत सिन्हा*
    बोकारो (झारखण्ड) - आज सभी रोगमुक्त जीवन चाहते हैं लेकिन लोग न प्रतिदिन योग और प्राणायाम करने को तैयार हैं जबकि आज योग को विश्व स्तर पर स्थापित करने की कोशिश की जा रही है और जिसके लिए मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय पहल हाल - फिलहाल आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हो चुकी है और ये पहल तभी सार्थक हो सकती है जब सभी योग को अपने जीवन में दैनिक जीवन में शामिल करें लेकिन क्या आपको पता है कि योग आरंभ करने से पहले ॐ और हरिॐ का सस्वर 6 (छः) मिनटों का उच्चारण आपको रोगमुक्त कर सकता है। जिसकी प्रमाणिकता विज्ञान ने तो दी ही है और साथ में आध्यात्मिक एवं धार्मिक जगत भी इस बात की पुष्टि करती है। ऐसी उक्ति धार्मिक व आध्यात्मिक चिंतक अजीत सिन्हा जी की है।
    सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त उस वीडियो को बनाने वाले को अजीत सिन्हा जी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जिस किसी ने भी ऐसी वीडियो बनाई है वे निश्चित रूप से विश्व के लोगों से बधाई ग्रहण करने के पात्र हैं जिसमें विस्तृत रूप सेॐ के सस्वर उच्चारण के लाभ बताये गये हैं जिसके अनुसार ॐ के सस्वर उच्चारण से
    १) आप किसी भी तरह के असाध्य बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं।
    २) कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं स्ट्रेस और टेन्शन जैसे तनाव दूर होते हैं।
    ३) स्मरण शक्ति बढ़ती है।
    ४) रक्त संचार दुरुस्त होता है और रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है।
    ५) रक्तचाप, हृदय रोग और कोलेस्ट्राल जैसे रोग ठीक हो जाते हैं।
    ६) घबराहट, बैचैनी, भय और एंग्जायटी दूर होते हैं।
    ७) कंठ में विशेष कंपन होने से मांसपेशियों को शक्ति मिलती है जिससे थायरॉइड, गले की सूजन जैसे रोग दूर होते हैं और स्वर को शक्ति मिलती है।
    ८) पाचन तंत्र, लिवर और आँतों को शक्ति मिलती है जिससे डाइजेशन सही होता है।
    ९) उच्च स्तर का प्राणायाम होता है, फेफड़े मजबूत होते हैं और अस्थमा, टी. बी. जैसे असाध्य रोग ठीक होते हैं और आयु में वृद्धि होती है।
    6 मिनटों तकॐ के उच्चारण से मष्तिष्क में कंपन होता है और आक्सीजन का प्रवाह बढ़ जाता है जो सैकड़ों रोगों सहित करोड़ों विकारों को दूर करने में सहायक होते हैं।
    आगे अजीत सिन्हा ने कहा कि विशेष कर सनातनियों कोॐ के साथ हरिॐ का उच्चारण भी करनी चाहिए और 6 मिनटों की जगह दिन में दो बार सुबह - शाम 12 - 12 मिनटों के उच्चारण से केवल रोग ही नहीं दूर होंगे अपितु दुनिया सहित ब्राह्मंड के मालिक श्री हरि नारायण विष्णु से संपर्क स्थापित हो सकते हैं जिसका लाभ मनुष्यों को वर्तमान जीवन के साथ परलोक सुधारने में भी काम आ सकता है।
    मनुष्य कभी भी किसी भी समयॐ और हरिॐ का सस्वर उच्चारण अपनी सुविधा के अनुसार करने के लिए स्वतंत्र हैं और इसके लिए अपने समय की फिक्शेसन अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं।
    लेकिन मैं सभी सनातनियों सहित मंदिरों के पुजारियों, मंदिर कमेटियों के सभी पदाधिकारियों से ये अपील करना चाहता हूं कि लोंगो के स्वास्थ्यवर्धन एवं सनातन सशक्तिकरण हेतु एकजुटता के लिए मंदिर के लाउडस्पीकर सेॐ एवं हरिॐ का उच्चारण सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के अनुसार सुबह 6 बजे और शाम 6 बजे सस्वर करें और मंदिर प्रांगन में ॐ की शाखा को लगायें और सनातन धर्म के लोंगो को एकजुट कर इसकी महत्ता को समझायें और सप्ताह में एक दिन धर्म के लोंगो पर आई संकट के विषय पर चर्चा - परिचर्चा भी करें और संकट के समाधान हेतु तैयारी भी करें।
                            -अजीत सिन्हा 

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