*****जिंदगी*****
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कभी का दिन बड़ा होता कभी की रात होती है
कभी ये आंख हंसती है कभी ये आंख रोती है।
कभी ये खार होती है कभी गुलजार होती है
कभी हम इसको ढोते हैं कभी ये हमको ढोती है।
दुखों के साए में पलती है तो ये इक आग होती है
खुशी मैं खिलखिलाती है तो ये इक राग होती है।
अजब है ज़िन्दगी यारो खुली आंखों का सपना है
ये सपना टूट जाता है तो ये भी खाक होती है।
नीयत नेक रख साजन उसूलों पर तू चल प्यारे
खुदाई का ये तोहफा है ये इक नायाब मोती है।,,,, -गोपी साजन