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    "तुम बिन जीना नहीं "

    मुझे अपनालो
    अपनी दिल में

    मैं ख़ुद से खफा हूं या जहा से
    बस छुपा लो मुझे अपनी बाहों में
    हर खुशी हो मेरे प्यार के रास्ते
    मैं खुदा से क्या मांगू तेरे वास्ते

    अब तुम बिन सांसे नहीं चलती
    चलती सांसो की सुकून हो तुम

    भीग जाता हूं तेरे गीली ओस में
    प्यार की बूंदों से टपकती हों तुम

    मेरे बुने हुए हर वो कड़ी हों तुम 
    जिसे मैंने रो रो कर पिरोया हैं

    खूबसूरत सा वो पल बन जाता
    चेहरे की बात को दिल कहजाता

    कैसी लगी लत तेरे इस दीदार की
    जो बनकर नशा दिल में उतरता हैं

    मेरे हाले जिंदगी वक्त जैसा भी हो
    बस तू इस दिल के क़रीब रहना

    मुझे अपनालो
    अपनी दिल में 
    "तुम बिन जीना नहीं"

    Sanjay kumar 

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