जय भीम

जय भीम यह हर वो समस्या का समाधान हैं जो मानव जीवन में अपने अधिकार पूर्ण रूप से प्रभावी हैं डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी द्वारा रचित विधान जिसे संविधान कहते हैं यह वो मंत्र हैं जिसको पढ़कर बड़े बड़े नेता लोग डिग्री लेकर भागते हैं जय भीम का नारा सर्वप्रथम लक्ष्मण नागराले 1935 में दिया था क्योंकि उन्हें पता था डॉ.भीमराव अंबेडकर की मौलिक ज्ञान कितना हैं वर्तमान में कोई अंबेडकर जी के पैर के धूल के बराबर नहीं हैं 1930 के करीब कोई संचार माध्यम भी नहीं था उस समय अंबेडकर जी को ही लोग गूगल मानते थे दुनिया के 500 यूनिवर्सिटी एक तरफ तो डॉ. भीमराव अम्बेडकर एक तरफ़ होते थे ऐसे महान पुरुष थे इस समय जो अंबेडकर को नहीं जानते और ख़ारिज करते हैं समझो वो पढ़ा ही नहीं हैं मूर्ख हैं इतना पावर फूल संविधान होने के बावजूद भी आपका ये हाल सोचो उस समय कैसे लड़ा होगा डॉ. भीमराव अंबेडकर जी हमको बराबरी दिलाने में और बराबरी का हक भी दिया इसीलिए कहते हर समस्या का हल जय भीम हैं एक बार जिन्होंने संविधान को पढ़ लिया न वो पूरा दुनिया झुका सकता हैं
जय भीम
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Sanjay kumar 
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