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    भारत माता

      भारतमाता 

    मेरे गीतों की गंगा में जिस जिस ने स्नान किया है।
    भारत माता के चरणों में उन सब ने संधान किया है।

    बिस्मिल से आजाद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव धींगरा।
    महावीर सावरकर बंधु अनगिन वीरों ने था सीँचा। 

    किस-किस की मैं लिखूं कहानी किस-किस ने संज्ञान लिया है।
    भारत माता के चरणों में उन सब ने संधान किया है।

    चिंतनशील विवेक दयानंद तिलक और वल्लभ से नायक।
    तुलसी सूर कबीर और थे कालिदास वाल्मीकि गायक।

    कण-कण में यह भूमि रमी है जिनकी आदत जहर पिया है।
    भारत माता के चरणों में उन सब ने संविधान किया है संधान किया है।

    मेरे गीतों की गंगा में जिस जिस ने स्नान किया है।
    भारत माता के चरणों में उन सब ने संधान किया है।

    बालक युवक प्राप्त व वृद्धों की जमात मेरे गीतों से।
    होकर कृप्त बड़े जब-जब भी यह भिड़ गए क्रूर चितोँ से।

    रंगत बदल जाए हर उसकी जो भारत के लिए जिया है।
     भारत माता के चरणों में उन सब ने संधान किया है।

    मेरे गीतों की गंगा में जिस जिस ने स्नान किया है।
    भारत माता के चरणों में उन सब ने संधान किया है।


     वी अरूणा 
    (साहित्यकार)
    कोलकाता

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