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    मिशन दस हजार:आफ्टर इलेक्शन

    गोरे प्रधान का लंगुटिया यार मंगलू, कान के एक ओर कलम और दूसरी ओर बीड़ी लगाए हुए तथा हाँथ में एक कागज का टुकड़ा लिए, माधोटोला की गलियों में गस्त लगा रहा है । वह टोले के कुछ गिने-चुने घरों में जाता है और कुछ क्षण के लिए एक कान का भार हटाकर कागज में निशान लगाता है। और फिर मेहमान नवाजी के बाद वापस आकर उसी वेग से मनचाहे घर में समान क्रिया करता है, उसके चेहरे की स्थिति और पैरों की स्फूर्ति यह संकेत करती है कि मसला गंभीर है।

    गत 14 दिनों से मंगलूर और उसके अनुयाई किसी मिशन को अंजाम दे रहे हैं। कभी-कभी तो आधिकारिक काम देर रात तक चलता रहता है ,और उन्हें अपने घर जाने तक की फुर्सत नहीं मिलती है। और फिर सोमरस का पान कर गोरे भैया की कुटिया में ही सयन करते हैं ।
    इसमें अचरज कोई बात नहीं, हमारे देश की मिट्टी में ऐसे मिशनरी, कामकाजी और निष्ठावान व्यक्तित्व पनपते रहते हैं, जो प्रत्येक 5वें वर्ष अपने कर्तव्यों का पालन करने में जी-जान लगा देते हैं।

    चुनाव के परिणाम के बाद यह पहला महत्वपूर्ण कार्य होता है ,जिसमें सभी कार्यकर्ताओं को यथा अनुभव कार्यक्षेत्र सौंप दिए जाते हैं, और सभी मनसा- वाचा -कर्मणा उसकी पूर्ण स्थिति के प्रति समर्पित होते हैं।
    अबकी बार गोरे भैया के मंत्री मंडल में गठन कुछ इस प्रकार का होता है-
    "सड़क पटाई एवं पुल निर्माण-ठेकेदार साजन सिंह
    नल विनिर्माण एवं जल संसाधन-मुले मिस्त्री"

    और इसी प्रकार" ग्रामीण आवास एवं शौचालय निर्माण विभाग का उत्तरदायित्व मंगलू भैया तथा मत्स्य पालन एवं तालाब उत्खनन विभाग में सरजू पासी कार्यरत हैं।

    सभी कार्यकर्ता अपने क्षेत्रों में काफी उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं, और सरकारी तहखाने से धन गोरे भैया के 'अकाउंट 'में सुरक्षित है। 
    ठेकेदार साजन सिंह जी गुड्डू चमार के लहलहाते गेहूं के खेत में एक लंबी रोड पटवाने का प्रोजेक्ट पन्द्रह लाख में 'साइन' कर चुके हैं।

    इन सबके साथ मंगलू भैया, दिन रात की कठिन परिश्रम के बाद नव निर्माण अथवा निर्माणाधीन आवासों की बहाली का कार्य संपूर्ण कर चुके हैं ।
    बहाली के लिए प्रति आवास दस हजार की राशि चंदा स्वरूप जन कल्याण विभाग के खाते में ,आने वाले 5 वर्षों के लिए , सत्तापलट जैसी आपातकालीन स्थिति के लिए जमा करवा रहे हैं।

    पद के आखरी 5वे वर्ष काफी सुधार हो चुका है, बरसात में टूटी -फूटी सड़कें, बिना छत की दीवार ,और गोरे भैया के तीसरे माले की बिजली का बल्ब पूरे मोहल्ले को रौशन कर रहा है।

         -अनुराग मिश्र'अनुभव'
         बहराइच -उत्तर प्रदेश
         छात्र लखनऊ विश्वविद्यालय
         लेखक -पुस्तक रुकती नहीं
         दूरभाष -7275427027

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