नाग काला, मुंड माला,
मस्तक विराजे चन्द्र,
उमा पति, काम रिपु,
शूल _धनु धारी हैं ।
डमरू लिए हैं कर,
ओढ़े ब्याघ्र छाल तन,
भोले, अविनाशी,
अविकारी, अघहारी हैं ।।
मारा हैै जलंधर को,
त्रिपुरा का नाश किया,
दानियो में औघड़ हैं,
संत सुखकारी हैं ।
बिगड़ी बनाने वाले,
भक्तों के रखवाले,
नंदी की सवारी,
नीलकंठ असुरारी हैं ।।
डॉ शिव शरण श्रीवास्तव "अमल "
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