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    महा शिव रात्रि पर्व पर विशेष


    शिव स्तुति 

    नाग काला, मुंड माला,
    मस्तक विराजे चन्द्र,
    उमा पति, काम रिपु,
    शूल _धनु धारी हैं ।
    डमरू लिए हैं कर,
    ओढ़े ब्याघ्र छाल तन,
    भोले, अविनाशी,
    अविकारी, अघहारी हैं ।।
    मारा हैै जलंधर को,
    त्रिपुरा का नाश किया,
    दानियो में औघड़ हैं,
    संत सुखकारी हैं ।
    बिगड़ी बनाने वाले,
    भक्तों के रखवाले,
    नंदी की सवारी,
    नीलकंठ असुरारी हैं ।।

    डॉ शिव शरण श्रीवास्तव "अमल "

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