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    आज हम उम्मीद लिखते है..

    ये साल बीत रहा हैं
    तेरे यादोंन के साथ
    तेरे दिए गम ओर दर्द के साथ
    पर आज हम उम्मीद लिख रहे हैं 
    नए साल के लिए

    आज हम लिख रहे हैं
    आने वाली खुशियां,मौसम ओर बरसात के लिए
    सूरज की पेहिली किरण के साथ 
    खिलनेवाले फूल, लहराते खेत ओर खुशबू भरे धान के लिए

    आज हम लिख रहे हैं
    उस उम्मीद मैं जो मेरी माँ रोज देखती हैं मुझमें
    जो ग़रीबी रोज देखती हैं अमीरीका चेहरा मुझमे
    जो नाकामियां देखी हमने इस गुज़रते साल के साथ
    आज उनमें हम कामियाबी की रोशनी लिखते हैं

    बीते साल के गुमोंको भुलाकर, खुशियोंको याद रख
    आनेवाले साल का जशन , उत्साह ओर आनंद लिखते हैं
    आज हम उम्मीद लिखते हैं....

    Suraj Patil

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